रणभूमि में आज, मचा गया भूचाल। रणभूमि में आज, मचा गया भूचाल।
हार गए तो क्या गम, सुहाने सफर की आदत डाल लेना। हार गए तो क्या गम, सुहाने सफर की आदत डाल लेना।
रो रही है भारत माता चीख रहा है अंबर भी। रो रही है भारत माता चीख रहा है अंबर भी।
कैसे निष्पक्ष उन्हें समझूँ इतिहास बराबर लिखा नहीं। कैसे निष्पक्ष उन्हें समझूँ इतिहास बराबर लिखा नहीं।
एक नए रूप के साथ बहरूपिया कलमकार। एक नए रूप के साथ बहरूपिया कलमकार।
सुलझेंगी गुत्थी रिश्तों की होंगीं राह सुगम जीवन की। सुलझेंगी गुत्थी रिश्तों की होंगीं राह सुगम जीवन की।